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खुब जमेगा रंग
जब मिल बैठेंगे तीन यार
आप
मैं
और बेग वेग पाइपर
नहीं
मेरा ब्लाग
जिसके लिए
आप मेरे साथ जुड़े रहें
जब मिल बैठेंगे तीन यार
आप
मैं
और बेग वेग पाइपर
नहीं
मेरा ब्लाग
जिसके लिए
आप मेरे साथ जुड़े रहें
जॊ दृड़ राखॆ धरम पर तिही राखे करतार ।
गॊड़ कछाहा रावठड़ गॊखा जाखा करन्त ।
कह जॊ खानां खान ने बनचर हुआ फिरन्त ॥
अमरसिंह ने यह दॊहा लिखा था पत्र में
रहिम खान कॊ जिसका जवाब उनकॊ मिला वह इस प्रकार था
धर रहसी रहसी धाम खाप जासी खुरमाण ।
अमर विसम्भर उपरॊ राखॊं निहजॊ राण ॥
पाती