शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2008

अर्ज है


छॊटे उस्ताद की आज की अर्ज है हजरात गौर फरमाईयेगा

जाकिर हुसैन साहब इन दिनॊं है झीलॊं की नगरी में
मगर हम इन दिनॊं भॊपाली महफिलॊं की नगरी में
वॊ तन्हा और हम भी तन्हा पिछले कुछ दिनॊं से यूं
बदली रुत से पतझड़ आए हॊं जैसे दिलॊं की नगरी में

अरे भाई वाह - वाह मत करॊ कमेंट करॊ बना किसी चार्ज के

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