गुरुवार, 3 जुलाई 2008

दिल मैं मेरे है दर्दे दिल्ली

इस ब्लॉग के पाठकों,सबसे पहले तो माफ़ करदेना कई दिनों से आपसे मिल नहीं पा रहा हूँ कारण आजकल हम अपने सेकेण्ड सेमेस्टर के एग्जाम के बाद अब हम जरा दिल्ली आ गए आप जरा भी ये मत समझना की गुमने फिरने के लिए अरे भाई अपनी इलेक्ट्रोनिक इंटर्नशिप के लिए बस फ़िर क्या होना था यहाँ अब इतने उलझ गए है की सुलझाने को टाइम ही नहीं है फ़िर भी ये एक कोशिश है शायद इसी बहाने आपको याद आता तो रहूँ फ़िर मिलते है आपसे जब भी मिला मौका

4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

जब मौका लगे, आ जाना. इन्तजार कर रहे हैं. शुभकामनाऐं.

L.Goswami ने कहा…

kabhi kolkata bhi aayen achchha sahar hai..

rang sanyojan jara badal dete to aankhon par kam jor padta, aur word verification bhi hindi bloging me utni jaruri nahihata dene se tippni karne me aasani hoti,ise anurodh samjhen anytha n len.

LOVELY
sanchika.blogspot.com

SHARMA ने कहा…

kabi hume bhi yaad karen

PRAVIN ने कहा…

dost kuchh dardo ki dava nahi hoti..aisa koi jakhm kisi ne diya kya dilli men..waise apne vicharo ke sath aap hamare beech rahte hain