जॊ दृड़ राखॆ धरम पर तिही राखे करतार ।
माखनलाल विश्वविद्यालय से पिछले एक साल मैं काफी ज्यादा प्यार मिला जिसे हम अपने कंधो पर घूम रहे है जी करता है कि हम उसे चुका दे, मगर अब किसी को इसकी जरूरत नहीं है. सो हम इस पोटली को अपने साथ लादे जा रहे है .
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