शुक्रवार, 15 फ़रवरी 2008

मेरे पुराने पन्नॊं से एक कविता

हिन्दु हॊ या मुस्लिम हॊ
चाहे वॊ सिक्खा इसाई हॊ ।
इन सबकॊ छॊड़ चाहे वॊ सगा भाई भी हॊ ।
भारत में रहने का उसे अधिकार नहीं
जयहिन्द जिसे स्वीकार नहीं ॥
- शिव चरण आमेटा

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