जनाब इन दिनों खबरें तो बड़ी चोखी चोखी सुनने को मिल रही है। आज की ही बात कर रहा हूँ किसी अख़बार मे पढ़ा था दो हजार सत्रह तक भारत मे सर्वाधिक अरबपति होंगे। वह भई सुनकर ही आनंद आ गया, शायद हमारे आस पास भी कोई न कोई तो होगा हमारे गाव , शहर , जिले का भी होगा। अरे भाई कोई हमारा पुराना क्लास मेट भी तो हो सकता है। चाहे कुछ भी हो हमने तो सोच लिया है कि जब लोकतंत्र मे सबको समानता का अधिकार है तो हमे भी कई अरबपति चाहिए ताकि हमारा जीवन भी आराम से गुजर सकें। अभी नवीनतम सूचि के मुताबिक भारत में तिरेपन तो अमेरिका मे चार सौ उन्सत्तर अरबपति रहते है अमेरिका मे अरबपति घट रहे है। स्थिति यह है कि संसार के सबसे धनी लोगों मे कई अरबपति भारत से है। अमेरिका मे एक प्रतिशत कि दर से अरबपति घट रहे है और भारत में पचास प्रतिशत की दर से बढ़ रहे है। उम्म्मीदे है की आपकी और हमारी दुआओं से ये बढ़कर पांच सौ तक हो जायेगी और हमारा देश नम्बर वन हो जाएगा। वाह भाई क्या कहना तब तो बल्ले-बल्ले हो जायेगी हमारी सारी मेहनत और विकसित देश बनने का सपना सच हो जाएगा।
वैसे भी आप जानते नही हम क्या-क्या नही कर रहे है। अपने देश को आगे ले जाने के लिए। किसान, मजदुर के साथ-साथ हर बच्चा-बच्चा जी जान से लगा हुआ है जन प्रतिनिधि तो सबकुछ भूल-भूला कर लगे हुए है। नेताजी क्या हमारे देश के अंडरवर्ल्ड के डान लोगों को भी चैन नही है। पिछले दिनों फोर्ब्स पत्रिका के द्वारा जारी दुनिया भर के मोस्ट वांटेड लोगों फोर्थ स्थान पर भारतीय मूल के जाने मने डान दौड़ दादा है। हाँ जनाब हमारी तरक्की एकतरफा नही है। हमारा विकास चहुंमुखी हो रहा है। पहला मुख पोपुलेशन , दूसरा मुख सबसे धनी व्यक्ति , तीसरा मुख किरकेट और चौथा मुख अपराध हर मुख पर हम आगे ही आगे है। आशा है इसी तरह आगे बढ़ते रहे तो आने वाले टाइम मे हम धन , जन के साथ साथ हर मामले में दुनिया में पहले स्थान पर होंगे।
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