जॊ दृड़ राखॆ धरम पर तिही राखे करतार ।
देहु तेज मोही हे शिवा शुभ कर्मन ते कबहू न डरों
तुम वीर हो , हे वीरों निश्चय दज अपनी जीत करों
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