भोपाल
आज से कुछ सालों पहले जब मैं सेकंडरी में पढ़ा था की राजस्थान में कई स्थानों के विस्थापितों और शरणार्थियों को शरण दी गई है जो यहाँ की जनसंख्या बड़ा देते है । तब मुझे गर्व होता था किहम अपने पुरखों रंथाम्भोर के हमीर कि भांति शरण दे रहे है । मगर आब जब उनका ही नाम आता है कई विस्फोटों में तो अपने से ही ....................