शनिवार, 3 मई 2008

जे राम जी की

किसानों को मिलेंगे सस्ते मोबाइल

जनाब इस बार इन्द्र देव भले किसानों पर मेहरबान नही हुए हो तो भी ये सरकार काफी दरियादिली दिखाने मई लगी है । अरे भई लगे भी क्यो नही अगली बार वापस आना तो है न । क्योकि पांच साल विपक्ष में बैठ पाना हर किसी के बस में नहीं होता है और जैसे तैसे भी आने की उम्मीद हो तो कौन पापड़ बेलना चाहता है । सरकारें जानती है किजनता में किसान ही रबड़ी है जिसे किसी भी दिक्कत के निगला जा सकता है । पहले किसानों पर साठ करोड़ रुपयों का कर्जा माफ़ किया गया और अब सरकार को ऐसे लगता है कि हमारा किसान खेत में खड़ा होकर कंनेक्टिंग इंडिया और एयरटेल जैसे मोबाइल सेट लेकर बात करता रहेगा । इसी क्रम में गावों के किसानों के भरे पोस्टर छपकर प्रचार करने वाली कंपनियों ने नये नुस्खे निकले है ।
इस पर ये कहा जा रहा है कि देश की दूरसंचार क्रांति से अब तक अछूते पड़े देश के लाखों किसानों के लिए ये खुशखबरी है। अब उन्हें भी इस क्रांति की मुख्यधारा में शामिल होने का मौका मिलेगा। उन्हें जल्द ही एयरटेल कनेक्शन वाले सस्ते मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध होंगे। इसका रास्ता उर्वरक क्षेत्र की कंपनी इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स कोआपरेटिव लिमिटेड [इफको] और दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल लिमिटेड ने मिलजुल कर तैयार किया है। इसके लिए इन दोनों कंपनियों ने इफको किसान संचार लिमिटेड नाम से संयुक्त उपक्रम गठित किया है।
इस उपक्रम से इफको अपनी सोसाइटियों के जरिए प्राथमिकता के आधार पर उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, चंडीगढ़, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के किसानों को सस्ते मोबाइल हैंडसेट मुहैया कराएगी। इसके साथ ही इसमें एयरटेल मोबाइल कनेक्शन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को अनूठे वीएसएस प्लेटफार्म के साथ भी संपर्क उपलब्ध कराया जाएगा। इसके जरिए उन्हें रोजाना मंडी मूल्यों, कृषि तकनीकों, मौसम की जानकारी, डेयरी फार्मिग, पशुपालन और उर्वरक की उपलब्धता जैसी बातों की पूरी जानकारी मिलेगी।
यही नहीं, किसानों को अपने विभिन्न सवालों के जवाब हासिल करने के लिए एक हेल्पलाइन भी मुहैया की जाएगी। इस संचार क्रांति में शामिल होने से उनकी उत्पादकता और कमाई में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
हर योजना कि भांति इस योजना से उम्मीदे तो ढेर साडी कि जा रही है मगर क्या इसका सकारात्मक फायदा होगा ये तो कहा नही जा सकता है मगर ये बात तो तय है कि किसानों कि जेब में बचे खुचे पैसों पर हाथ फेरने का अच्छा तरीका ही लगता है।
अब देखना ये है कि ये मोबाइल सरकारी योजनाओं को जानने मे होता है या काका और काकी , भइया और भाभी एवं छोरा छोरी की प्यार तकरार में होता है?
शायद इसका जवाब भी आपके पास जरूर होगा।
एक बार और कोशिश करो अपने दिल को टटोल कर देखो अगर आप वहां होते तो क्या करते .........................
क्यों मिल गया ना जवाब ।

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