नास्ते के बढे दाम के आधार पर पुलिस वाले कों पांच का पोहा और एक तीन कि चाय से काम चलाना पड़ेगा। अगर किसी पुलिस वाले कों भोपाल के फ़ूड प्लाजा मे खाना खाना हो तो उसे इस हसरत को पुरा करने के लिए भी नौ रूपये अपनी जेब से देने पड़ेंगे और कभी आपने देखा है कि ये अनहोनी हो सकती है एक पुलिस वाला पैसा दे।
अब प्रश्न ये है कि ये नौ रूपये आख़िर आयेंगे कहाँ से ? भाई आपसे मेरी सलाह है कि यही नौ रुपया पाता नहीं क्या क्या कहर ढहायेगा इस के चक्कर मैं आप अप भी आफत आने कि नौबत आ सकती है तो आप नौ दो ग्यारह होने कि तेयारी मैं रहे वरना आपकी गाड़ी पकड़ी जाए या फ़िर किसी और तरीके से आपको परेशान किया जे तो आप ये नहीं कहे कि अरे इनके नास्ते के लिए पकड़ा है ..... या पार्टी करनी थी इस लिए चेक्किंग कर रहे है वगेरह वगेरह। इस सब के बाद जो भी मेरी सुन सके उससे इस शहर कि ही नहीं बाहर कि जनता कि तरफ़ से करबद्ध रूप से निवेदन है कि जब इतना बेहतर कम कर के नास्ते के भत्ते कों दुगुना किया है तो ये भी कर दिया जाय कि फ़िर किसी आम नागरिक कों न परेशान किया जाय इनका पेट भरा रहे हमारी जेब में भला कुछ न रहे।
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