मुझे उम्मीद है की सर्कस तो आप सभी ने अपने अपने बचपन में देखा ही होगा ना ? और नहीं देखा हो तो भी चिंता करने की कोई बात नहीं क्योंकि अब हाईटेक सर्कस देखने को मिलेगा सबको।
अरे भाई भोपाल में कोई नया सर्कस नहीं आया है कि जिसकी सूचना में आपको दे रहा हूँ । बल्कि मेरा तो ये मानना है कि अगर आपकी जरा सी भी सर्कस में रूचि हो तो आपके लिए निसंदेह महाराष्ट्र और मुम्बई कि राजधानी बड़े काम की जगह है। वहां के हालत मुझे तो कम से कम किसी सर्कस से कम नहीं लगता है।
जैसे सर्कस में एक के बाद एक नया तमाशा आता रहता है उसी प्रकार इस मुम्बाइया सर्कस में भी एक के बाद एक नित नए खेल होते जा रहे है। कभी उत्तर भारतीयों को मुम्बई से निकलने के नाटक तो का कभी बोम्बे के नाम पर बोम्बे नाम के संस्थानों में तोड़ फोड़।
ये सारी कलाबाजियाँ सर्कस से भी ज्यादा रोचक है। भाई पिटने वाले भले पिटते हो मगर मारने वाले उनसे भी ज्यादा डरे हुए है।
आपने सर्कस में देखा होगा कि बड़े जोकर के साथ खेल में छोटा जोकर भी होता है और छोटा जोकर हमेशा ही करतब करने से पहले तो डरता है । इसी बीच उसका उत्साह बढ़ने के लिए बड़ा जोकर स्टंट दिखता है वो करतब बड़ी खूबसूरत कलाबजियों के साथ दिखता है और सबकी तालियाँ प्राप्त करता है ये सब कुछ देखकर छोटा जोकर भी जोश में आकर स्टंट करने को रिंग में उतर जाता है और वास्तव में कर कुछ नहीं कर सकता है उल्टे दर्शकों कि हँसी का पात्र बन जाता है।
ये तो थी सर्कस कि बात मगर मुम्बई में भी हालत कुछ ज्यादा अलग नहीं है वहां भी अब उद्धव अपने बड़े राज की देखादेखी करने में लगे है। जो कहते है कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आई पी एल में खेलने का कोई हक नहीं है। साथ ही उन्होंने शरद पंवार को भी निशाना बनाया है।
अब उन्हें कोई समझाए इन स्टंट से कुछ नहीं होगा बस ये जरुर होगा कि लोग जरा सी देर जोरों से तालियाँ ही बजायेंगे ।
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1 टिप्पणी:
अभी तो सरकस चालू हुई है. आगे आगे देखिये, होता है क्या.
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