भइया आपने हरिशंकर परसाई जी की प्रसिद्ध रचना सदाचार का ताबीज तो जरूर पढी होगी मगर आज हम किसी लिखित रचना की नही मगर एक ऐसी ही रचनात्मकता का जिक्र करने जा रहे है उस कृति के रचनाकार है राज़ ठाकरे आपको शायद उनका परिचय देने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि उनका परिचय से तो शायद महाराष्ट के लोग अनभिज्ञ है उनको वे अपने बारे अटेंसन देने के लिए पापड़ बेल रहे है इस बार उन्होंने छात्रों को निशाना बनाया है और उन्हें मुम्बई में तमीज़ से रहने की हिदायत दी है भाई बड़े बुद्धिमान है राज़ आप ये बात तो माननी ही पड़ेगी तली दोनों हाथों से बजती है राज़ जब तक लकीर के फकीर के पीछे पड़े थे तो कुछ नही हुआ पहले बिग बी से बॉलीवुड में चमके शत्रुग्न सिन्हा,अमर और लालू की निन्दा करके राजनीती में दहाड़े/भोंके मगर किसी ने उनके मुंह लगने की जहमत नहीं उठायी किसी ने कुछ बोलना उचित नही समझा तो खामोश हो गए सब जानते थे कि शेर सोया रहे तो चूहा चाहे जितना नाटक करे कोई फर्क नहीं पड़ता है वैसे इस बात से वे भी वाकिफ थे कि शेर चूहे के खेल में रखा क्या है मुकाबला तो आमने सामने का हो मजा आएगा इसके लिए उन्होंने नया तरीका इजाद किया है नया मुकाबला शेर चूहे का नहीं चूहों और गिरगिटों का रोचक मुकाबला जो इस आई पी एल के बाद का सबसे बड़ा 'टूर्नामेंट' हो सकता है
राज ने पुणे के उच्च शिक्षण संस्थानो में पढने के लिए आने वाले उत्तर भारतीयों को राज्य में तमीज से रहने की चेतावनी दी है उन्होंने ये भी कहा कि उत्तर भारतीयों के दोनेसन देने कि वजह से योग्य मराठियों को जगह नहीं मिल पाती है इसके लिए आगमी प्रवेश प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखेंगे ये बात समझ में नही आई कि आख़िर वे ऐसा करने वाले होते कौन है ? भारत में लोकतंत्र के आधार पर उनकी हेसियत ही क्या है ?राज़ ने महाराष्ट्र में होने वाली बदसलूकियों और छेड़खानियों के लिए उत्तर भारतीयों को जिम्मेदार ठहराया है इस के लिए वे उत्तर भारतीयों को सबक सिखायेंगे मुझे इस बात को लेकर ज्यादा तकलीफ नहीं होगी कि किसी उत्तर भारतीय को किसी लड़की को छेड़ने कि सज़ा मिले ऐसा तो होना ही चाहिए मगर मेरे राज़ से कुछ प्रश्न है कि :-- यह पता कैसे पता चलेगा कि आख़िर किसने छेड़ा है उत्तर भारतीय ने या मराठी ने?- उत्तर भारतीय के लिए सजा क्या मुक़र्रर है?- महाराष्ट्रियन को क्या रियायत है ?- लड़की उत्तर भारतीय हुयी तो कोई दिक्कत नही होगी ?- सज़ा कौन देगा,बेल फाईन जैसे सुविधा मिलेगी ? - अगर किसी मराठी लड़की ने किसी उत्तर भारतीय को छेड़ा तो क्या हर्जाना मिलेगा ? - खैर ये तो थी मेरी कुछ जिज्ञासा राज़ के इस नए कानून के सम्बन्ध में सोचता हूँ कि इनका जवाब मिलेगा तो कई उत्तर भारतीय छेडाकू रोमियो को ज्यादा तकलीफ नहीं होगी उनको पहले से सज़ा मालूम होगी सच तो ये है कि राज़ के पास अपनी पार्टी के लडाकों कि बड़ी पलटन है जिनके पास करने को कई काम-धाम नहीं है इनके बस में ये तो नहीं ही कि ये किसी अमिताभ जैसी सेलिब्रटी तक जाने कि तो औकात है ही नहीं इस हाल में राज़ चाँद पर धुल उड़ाने के सिवाय कर भी क्या सकते है
दूसरी तरफ़ ऑटो, सब्जी, टेक्सी , ठेला वाले किसी उत्तर भारतीय को अगर कोई मुम्बई में दो चार लापदे मर दे तो भी क्या फर्क पड़ता है उक्सी तो दिन में जब तक किसी न किसी से लड़ाई नहीं होती है तो घर आकर अपनी बीवी से झगड़ता है तब जाकर उसे रात को नींद आती है क्योकि लड़ना तो उसकी आदत और धंधे कि पहली क्वालिफिकेसन है उसे राज़ के कार्यकर्ता या गुंडे यार दो चार हाथ मर देगे तो क्या हो जाएगा वह थोडी देर हल्ला गुल्ला करगा और सो जाएगा वह बेचारा आर्तिक रूप से इतना सब कुछ झेल चुका है कि अगर कोई उसके हाथ पाँव तोड़ देगा तो भी वह अगले दिन अपने बच्चो का पेट भरने के खातिर काम-ध्न्धे के लिए चला जाएगा उस गरीब को फिल्मो से ज्यादा कुछ सिखने को नही मिला मगर ये जरूर सिख गया है कि कैसे हीरो कई गोलियां लगने के बाद भी विलैन को मरता है वैसे उसे भी अपनी जिन्दगी से गरीबी के खलनायक को ख़त्म करना है और वह दो दिन बाद काम पर लौट आएगा उसे जितना भी मारोगे फ़िर रक्तबीज की तरह नए दम के साथ उठेगा अपने काम को करने के लिए इसलिए इससे टकराना राज़ के लिए महंगा पड़ने वाला सौदा था वह तो हाथ भी नही उठाएगा क्योंकि उसके हाथ तो कमजोर हो गए है अपने कन्धों पर जिम्मेदारियों का जुआ ढोते-ढोते शायद ये बात राज़ के समझ में देर से ही सही आ तो गई है इसलिए यहाँ अपनी दाल गलती नहीं दिखी उसे तो सामने से बराबर ईंट से ईंट बजाने वालों की जरूरत थी इसके खातिर स्टूडेंट से बेहतर विकल्प कोई नही हो सकता है उनसे पंगा लोगे तो हंगामा होगा, ग्रुप बनेगा, तोड़फोड़ होगी,दंगा और बंद होगा,चक्काजाम,हड़ताल,फायरिंग व चुनाव और फ़िर होगी जीत जिसका उनको इंतजार है मगर देखने वाली बात ये होगी कि जीत किसकी होगी ? क्या ये लातों के भूत कहे जाने वाले छात्र इन बातों से ही डर जायेगे? और राज़ के सदाचार के ताबीज के बाद अपने मा बाप कि बात नहीं मानने वाले लड़कों पर इस ताबीज़ का क्या असर होगा ?
1 टिप्पणी:
सदाचार का ताबीज -मेरी प्रिय रचना. ताबीज का असर तो देखिये क्या होता है! चिन्तन सार्थक है.
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