रविवार, 18 मई 2008
चक दिया इंडिया
इसे गिल साहब की किस्मत कहें या फ़िर इंडियन नेशनल गेम का गेम एक आशा की रौशनी इस रूप में देखने को मिला है कि तेरह साल के बाद भारत की हाकी टीम ने अजलान्शाह टूर्नामेंट के फायनल में स्थान बनाया है । ये समय लगभग उतना ही है जितना की हाकी के सिहासन पर गिल साहब कुंडली मारे बैठे थे । आज शाम को पता चला की हमारी टीम फायनल में हार गए है मगर फ़िर भी कोई गम नहीं है क्योकि आज नहीं तो कल हमारा जलवा कायम होगा । बस मेहनतकरो इंडिया बस लगे रहो इंडिया लगे रहो इस बार न सही अगली बार तो हम ही चक देंगे ।
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1 टिप्पणी:
BADAI CHAK DE KI TEAM KO
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